अनुगूँज
गगन दीप की कविताएं, नज़्में और अशआर
Anugoonj: Poems, Nazms and Verses by Gagan Deep
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ज़िंदगी
सोचा था आसमां को
तराशेंगे हम कभी...
एक मुश्त आसमां को भी
तरसा दिया हमें।
बस एक शक्ल, एक नाम
और एक अधूरा ख़्वाब...
इसके सिवा ऐ ज़िंदगी
तूने क्या दिया हमें।
©
गगन दीप
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