गीत

गीत जो बोया बरसों पहले
अधरों पर वो आज खिला है।

मैंने तो कुछ शब्द बुने
संगीत इन्हें तुमसे मिला है।

मेरे लफ़्ज़ों में अधूरे
ख़्वाबों का एक सिलसिला है।

तुम नहीं हो साथ तुम्हारी
यादों का बस काफ़िला है।

मेरी बेज़ारी का बाइस तुम नहीं
ना तुमसे कोई गिला है।

एक सोज़ मिला तुमसे मेरे अल्फ़ाज़ को
मेरी उल्फ़त का वही सबसे हसीं सिला है।

*बेज़ारी = नाख़ुशी (Unhappiness)
*बाइस = कारण (Cause)
*सोज़ = दर्द (Pain)
*अल्फ़ाज़ = शब्द (Words)
*उल्फ़त = प्यार (Love)
*सिला = इनाम (Reward)

© गगन दीप