अनुगूँज
गगन दीप की कविताएं, नज़्में और अशआर
Anugoonj: Poems, Nazms and Verses by Gagan Deep
Pages
मेरी रचनाएं
कुछ मेरे बारे में
संपर्क
गीत
गीत जो बोया बरसों पहले
अधरों पर वो आज खिला है।
...आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें»
मेरे चंद अशआर - 1
ख़यालों के झुरमुट में, एक शक्ल फिर उभर आई,
देखा जो मैंने दूर तक, उफ़क़ पे वो नज़र आई!
डूब कर देखा, जो उसकी नीम-बाज़ आँखों में,
कोई खो गया नशे में, किसी को ज़िंदगी नज़र आई!
...आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें»
बचपन
कभी तो हमसे आ के मिल
ऐ ज़िंदगी
अपनी पुरानी शक्ल
और उस अंदाज़ में
जो छूट गया उस मोड़ पर
जहां बचपन था
मासूम सा अल्हड़पन था
वहां पानी का मटमैला सा
एक टूटा-फूटा जोहड़ था
और उम्मीदों से भरी हुई
काग़ज़ की नावें चलती थीं!
...आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें»
आवाज़
सुनो ग़ौर से तुम अगर
तो हर ख़ामोशी
हरेक सन्नाटे की
आवाज़ होती है...
...आगे पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें»
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)